नई दिल्ली : कृषि कानून को रद्द करने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों ने 8 दिसम्बर को भारत बंद करने की घोषणा की है। आंदोलन के नौवें दिन किसानों ने आरोप लगाते हुए कहा कि केन्द्र सरकार उनकी नहीं सुन रहे तो फिर किसान उनकी क्यों सूनें। दिल्ली और हरियाणा को जोड़ने वाले सिधु सीमा पर किसान नेताओं ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि 5 दिसम्बर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पुतला जलाया जायेगा। किसानों का आरोप था कि सरकार ने इस कानून को जल्दबाजी में पारित किया है, जिसमें कई खामियां हैं।
किसानों को हटाने के लिए उच्च न्यायालय के एक वकील ने याचिका दायर की है। जिसमें कोविड उन्नीस का हवाला देते हुए कहा गया है कि इससे महामारी फैलने में और तेजी आयेगी।
किसानों ने कहा है कि जब तक केन्द्र सरकार कानून को वापस नहीं लेती किसान आंदोलन समाप्त नहीं करेंगे और लौटेंगे नहीं। सीमा बंद हो जाने से उत्तर प्रदेश और दिल्ली आ जा रहे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। किसानों को रोकने के लिए दिल्ली पुलिस ने गुरूग्राम की ओर से दिल्ली आने वाले वाहनों की जांच कर रही है। जिससे जाम लगा हुआ है। किसानों को अपना समर्थन देने के लिए हरियाणा में एक दूल्हें ने ट्रैक्टर पर चढ़कर अपनी बारात निकाली। युवक ने कहा कि वह लोगों को यह संदेश देना चाहता कि किसान के बिना कुछ भी नहीं हो सकता। किसानों का आरोप है कि सरकार किसानों की समस्या का हल नहीं करना चाहती और उसे उनकी समस्या को सुलझाने में लगभग सात माह लग गये।
केन्द्र सरकार और किसानों के बीच दिल्ली में 40 किसान संघों के प्रतिनिधियों के बीच वार्ता हुई है। वार्ता में कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर समेत कई अन्य मंत्री शामिल थे। बैठक के बाद किसानों ने कहा कि वार्ता का रूख सकारात्मक है लेकिन अभी अगले दौर की बात होगी।