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अपने ही अस्पताल में इलाज के लिए भटकते रहे चिकित्सक, पत्नी लगाती रहीं गुहार

पटना : बिहार में कोरोना का कोहराम जारी है जिससे हजारों लोग अपनी जान गंवा बैठे हैं। साथ ही राज्य में मानवीयता के भी मर जाने की लगातार खबरें आ रही हैं। ताजा खबर पश्चिम चम्पारण जिले की  है। जहां नरकटियागंज अनुमंडलीय अस्पताल में पदस्थापित एक चिकित्सक को अपने इलाज के लिए ही घंटों चिकित्सकों का इंतजार करना पड़ा। जब चौथे खम्भे को इसकी सूचना मिली और मीडियाकर्मियों ने अस्पताल में आकर पूछताछ शुरू की तब चिकित्सक के स्वास्थ्य की जांच की गयी। जानकारी के अनुसार डॉक्टर राजीव कुमार नरकटियागंज अनुमंडलीय अस्पताल में पदस्थापित हैं। उनकी ड्यूटी कोरोना के लिए बनाये गये आइसोलेशन वार्ड में लगायी गयी थी, लेकिन वहां पर चिकित्सक कोविड पॉजिटिव हो गये। इसके बाद उन्हें छुट्टी दे दी गयी। अचानक डॉक्टर की तबियत घर पर खराब हो गयी। तत्काल उनकी पत्नी अनामिका पांडे और पिता मृत्युजंय पांडेय चिकित्सक को लेकर अस्पताल पहुंचे। वहां पर कोई चिकित्सक उपलब्ध नहीं था। पत्नी और पिता तथा साथ आये परिजन जांच और इलाज के लिए भटकते रहे। उसी समय मीडियाकर्मियों को जानकारी मिली कि डॉक्टर बीमार हैं और उन्हें देखने वाला कोई नहीं है। इसके बाद पत्रकारों ने सिविल सर्जन और अन्य वरीय पदाधिकारियों को इसकी सूचना दी। तब जाकर अन्य चिकित्सक और अस्पताल कर्मचारी पहुंचे और चिकित्सक की जांच की गयी। डॉक्टर के साथ आये परिजन तरूण चौबे ने बताया कि कई बार उपस्थित अस्पताल कर्मियों से कहा गया कि श्री राजीव इसी अस्पताल में चिकित्सक हैं लेकिन किसी ने भी उन्हें देखने की जहमत नहीं उठायी। डॉक्टर की पत्नी ने आरोप लगाते हुए कहा कि जब एक चिकित्सक के साथ ऐसी घटना हो सकती है तो आम आदमी के हालात को आसानी से समझा जा सकता है। प्रशासनिक अधिकारियों ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है।

 

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