नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने निर्भया दुष्कर्म मामले में पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी है। साथ ही फांसी की सजा को बरकरार रखा है। न्यायमूर्ति आर भानुमति की अध्यक्षता वाली पीठ ने सजा को बरकरार रखते हुए कहा कि याचिका में कोई नयी बात नहीं है। एक आरोपित के वकील के यह कहने पर कि दिये गये फैसले में कमियां हैं तो पीठ ने कहा कि आप हमें जानकारी दें कि निर्णय में कमी कहां और क्या है। वकील के यह कहने पर कि यह भारतीय संस्कृति फांसी की सजा नहीं है तो न्यायाधीश भानुमति ने कहा कि आप ठोस और कानूनी जानकारी देते हुए बतायें कि न्यायालय के निर्णय में क्या कमी है और पुनर्विचार की आवश्यकता क्यों है। बाद में जनरल तुषार मेहता ने कहा कि यह अपराध काफी गम्भीर है जिसे भगवान भी माफ नहीं कर सकता। मामले में अगली सुनवाई 7 जनवरी को होगी।