पटना : बिहार के नियोजित शिक्षकों और पुस्तकालयाध्यक्षों की कई समस्याओं को लेकर अखिल भारतीय शिक्षा मंच के अध्यक्ष आलोक आजाद ने नेता प्रतिपक्ष तथा पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को एक ज्ञापन सौंपा है। श्री आजाद ने नेता प्रतिपक्ष को बिहार सरकार की नियोजित शिक्षक और पुस्तकालयाध्यक्ष विरोधी नीतियों की जानकारी दी। उन्होंने विभिन्न समस्याएं और उसके समाधान के लिए सरकारी स्तर पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं किये जाने की जानकारी दी। साथ ही समस्याओं का निराकरण करवाने का अनुरोध किया। नेता प्रतिपक्ष श्री यादव ने शिक्षक नेता को आश्वस्त करते हुए कहा कि सदन से सड़क तक नियोजित शिक्षकों और पुस्तकालयाध्यक्षों के हितों की रक्षा के लिए हर कदम पर सहयोग कर रहे हैं। उनके कार्यकाल में हीं शिक्षकों को वेतनमान मिला था। श्री यादव ने राष्ट्रीय जनता दल की सरकार बनने पर शिक्षकों और पुस्तकालयाध्यक्षों की वेतनमान की मांग को पूरा करने का आश्वासन दिया। उन्होंने चालू विधानसभा सत्र के दौरान भी शिक्षकों की मांगों को मजबूती के साथ उठाने की बात कही। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि वर्तमान सरकार शिक्षक विरोधी है। इस सरकार के रहते नियोजित शिक्षकों और पुस्तकालयाध्यक्षों के सामने समस्याओं का अंबार लग गया है। मौके पर उपस्थित महुआ से राजद विधायक डॉ मुकेश रौशन ने कहा कि तेजस्वी सरकार बनने पर बिहार में नियोजित शिक्षकों और पुस्तकालयाध्यक्षों को समय से सम्मान के साथ वेतनमान देगी और उनकी सभी मांगों को पूरा करेगी। विधायक ने कहा कि शिक्षकों और पुस्तकालयाध्यक्षों के साथ उनकी पार्टी हर कदम पर खड़ी है। श्री आजाद ने नेता प्रतिपक्ष को दस सूत्री ज्ञापन में एक अप्रैल 2021 से नियोजित शिक्षकों और पुस्तकालयाध्यक्षों के लिए घोषित 15 प्रतिशत की वेतन वृद्धि को तत्काल प्रभाव से लागू करने, नियोजित शिक्षक तथा पुस्तकालयाध्यक्ष सेवा शर्त-2020 के तहत घोषित स्थानांतरण नीति के शर्तों को शिथिल कर कोटी मुक्त, अंतरजिला स्थानांतरण के तहत जल्द से जल्द स्थानांतरण प्रक्रिया को पूर्ण करने, पुरुष शिक्षकों तथा पुस्तकालयाध्यक्षों को भी महिला शिक्षिका तथा पुस्तकालयाध्यक्षों की तरह तत्काल स्थानांतरण की सुविधा प्रदान करने की मांग की है। इसके साथ ही नियोजित पुस्तकालयाध्यक्ष के पद को केंद्रीय और नवोदय विद्यालय के तर्ज पर शैक्षणिक पद घोषित करने तथा वरियता का लाभ देने, 2010 से लंबित पुस्तकालयाध्यक्षों की बहाली प्रक्रिया शुरू करने, पटना हाईकोर्ट के निर्देशानुसार ईपीएफ का लाभ नियोजित शिक्षकों और पुस्तकालयाध्यक्षों के नियोजन तिथि से लागू करने, राज्य में अनुदानित शिक्षा नीति को खत्म कर वेतनमान या घाटा अनुदान लागू कर अनुदानित शिक्षकों तथा कर्मियों को सम्मानित करने, पुस्तकालय विज्ञान की पढ़ाई मैट्रिक तथा इंटर में वैकल्पिक और व्यवसायिक विषय के रुप में शुरू करने की मांग रखी। मंच अध्यक्ष श्री आजाद ने वर्ष 2006, 2007, 2009, और 2010 में बहाल नियोजित शिक्षकों और पुस्तकालयाध्यक्षों को वेतनमान 2015 के लागू होने के पूर्व की सेवा के लिए प्रत्येक 3 वर्ष पर मिलने वाले इंक्रीमेंट को सुधार करने की मांग की, साथ ही प्रत्येक वर्ष के आधार पर लाभ प्रदान करने, कोरोना संकट से निपटने के बाद नियोजित शिक्षकों और पुस्तकालयाध्यक्षों को पुराने शिक्षकों के तर्ज पर लेवल-7 और 8 का वेतनमान तथा माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षा को पंचायती राज से अलग करने के लिए व्यापक पहल करने तथा लागू करवाने का अनुरोध किया।