पटना : बिहार के वैशाली जिले में स्थित रूडसेटी में केन्द्रीय सचिवालय कर्नाटक के कार्यकारी निदेशक एम जर्नादन ने कहा कि कौशल विकास का प्रशिक्षण कहीं से भी लिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि लेकिन कुछ स्थानों पर केवल शिक्षा दी जाती है जबकि इस संस्थान में प्रशिक्षण मिलता है। जहां अन्य संस्थानों एक विषय के प्रशिक्षण के लिए छह माह का समय लिया जाता है वहीं रूडसेट में मात्र तीस दिन में पूरा किया जाता है। संस्थान में प्रशिक्षण पूरी तरह प्रायोगिक है। संस्थान में दो पहिया बाइक और कम्प्यूटर डेस्क टॉप पब्लिशिंग के प्रशिक्षणार्थियों और पूर्व प्रशिक्षित छात्रों के साथ बैठक करते हुए श्री जर्नादन ने कहा कि रूडसेट होलिस्टिक मॉडल में चलता है जहां मिट्टी रूपी छात्र को मूर्ति के रूप में तैयार किया जाता हैँ। उन्होंने कहा कि हम छात्रों के परिजनों से भी मिलते हैं और उनकी समस्याओं का समाधान करते हैं। निदेशक ने कहा कि संस्थान पर्यटन गाइड का प्रशिक्षण देने की व्यवस्था कर रहा है। जिसके अन्तर्गत पूरी व्यवस्था होगी। गाइड को केवल स्थान ही नहीं होटल, खाने-पीने जैसी बातों की भी जानकारी दी जायेगी एक प्रकार से वह सिंगल विंडो की तरह काम करेगा। जहां हर जानकारी होगी। बाद में स्थानीय संस्थान के निदेशक संजीत कुमार ने उनका स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन वरीय संकाय सदस्य अजीत कुमार ने किया, जबकि अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन संकाय सदस्य कृष्ण कुमार सिंह ने किया । कार्यक्रम में पूर्व प्रशिक्षित चकवारा गांव के निवासी किसान क्लब के सचिव संजीव कुमार, राजेश कुमार, रत्नेश कुमार, श्री राज किशोर, सन्नी, स्वाती देवी, प्रभात कुमार, अजय भारती, मीरा देवी, सरिता देवी रवीन्द्र, मो. हसनैन समेत वरीय कार्यालय सहायक विनोद कुमार सिंह, ठाकुर सोनू कुमार अथिति संकाय गोविंद कुमार तथा रामाशंकर यादव उपस्थित थे।