पटना (मनीष कुमार)। बिहार के वैशाली जिले के सदर अस्पताल में कोरोना मरीज की मौत के बाद परिजनों ने जम कर उत्पात मचाया। जिससे कुछ देर के लिए अफरा-तफरी मच गयी। अस्पताल कर्मियों और चिकित्सकों ने काम ठप कर दिया। बाद में पुलिस और प्रशासनिक उच्चाधिकारियों के आने मामला शांत हुआ। जानकारी के अनुसार कोरोना से संक्रमित एक महिला को लेकर उसके परिजन सदर अस्पताल में पहुंचे। चिकित्सकों ने जांच के बाद उसके ऑक्सीजन लेवल को काफी कम स्तर का पाया। चिकित्सकों के अनुसार उन लोगों ने मानवता को देख कर महिला का इलाज शुरू किया, लेकिन उसकी मौत होनी थी और हो गयी। मौत होते ही महिला के परिजनों ने चिकित्सकों पर मार देने का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया। उन लोगों ने एक नर्स के साथ काफी अभद्र व्यवहार किया। हंगामे से घबरा कर नर्स ने अपने को एक कमरे में बंद कर लिया। बाद में लोगों ने उसे मुक्त कराया।
हंगामे के बाद सदर अस्पताल के चिकित्सक और अस्पताल कर्मी घटना के विरोध में हड़ताल पर चले गये। इसकी जानकारी जैसे ही प्रशासनिक हल्कों में फैली कि प्रशासन में हड़कंप मच गया। घटना की सूचना मिलते ही सदर एसडीपीओ राघव दयाल और सदर एसडीओ अरुण कुमार पहुंचे दोनों अधिकारियों ने घटना की जानकारी ली। सदर अस्पताल के डॉक्टरों और अस्पताल कर्मियों ने सुरक्षा की मांग की। डॉक्टर और अस्पताल कर्मियों ने कहा कि जब तक प्रशासन की ओर से उन्हें सुरक्षा प्रदान नहीं की जाती तब तक किसी भी सूरत में वह अस्पताल में काम करने की स्थिति में नहीं है। काफी देर तक मान मनौवल का दौर चला।
तकरीबन 3 घंटे तक अस्पताल में कामकाज ठप रहने के बाद अस्पताल में सुरक्षा मुहैया कराने के आश्वासन पर अस्पताल कर्मियों डॉक्टरों ने कामकाज शुरू किया। सदर एसडीपीओ ने बाद में बताया कि इस मामले में जो लोग भी दोषी है उनके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमित महिला मरीज को सदर अस्पताल में नाजुक स्थिति में लाया गया था और इलाज के दौरान है उसकी मौत हो गयी। जिसके बाद उग्र परिजनों ने बवाल काटा है। मामले पर जानकारी देते हुए सदर एसडीओ अरुण कुमार ने कहा कि इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कहा कि अन्य आरोपियों की भी गिरफ्तारी जल्द ही की जाएगी।
साथ ही हंगामे के दौरान अस्पताल में तैनात पुलिस कर्मियों के सहयोग नहीं करने के मामले पर एसडीओ ने कड़ी कार्रवाई करने की बात कही है। डॉक्टरों का कहना है कि अस्पताल में कोरोना महामारी के बाद ऐसी घटनाएं बार-बार हो रही है, लेकिन उन्हें सुरक्षा नहीं मिल रही हैं। जिसके कारण अस्पताल में बार-बार हंगामा और तोड़फोड़ हो रहा है। पीड़ित अस्पताल कर्मियों का कहना है कि मरीज की हालत बेहद खराब थी और अस्पताल में तैनात डॉक्टर उसे रेफर कर चुके थे इसके बाद भी मृतक के परिजन नहीं गए और इसी दौरान महिला मरीज की मौत हो गयी। जिसके बाद बेवजह परिजनों ने हंगामा किया। अस्पताल में तोड़फोड़ की गयी। इस घटनाक्रम के कारण अस्पताल और प्रशासनिक हल्कों में 3 से 4 घंटे तक अफरा तफरी का माहौल कायम रहा।