पटना (ब्यूरो रिपोर्ट)। अपनी मांगों को लेकर बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रमंडलीय सह संयोजक आजाद ने पूर्व मुख्य मंत्री सह राजद के वरिष्ठ नेता तेजस्वी प्रसाद यादव से भेंट की। उन्होंने श्री यादव से संघ के मांग पत्र को पार्टी के चुनावी घोषणा पत्र में शामिल करने की मांग की जिसे उन्होंने अपनी स्वीकृति दी। श्री यादव ने श्री आजाद को आश्वासन देते हुए कहा कि प्रदेश सरकार को शिक्षकों की मांग पर ध्यान देने की जरूरत है और उसे मानने में कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने शिक्षकों की मांगों को सदन में भी उठाने का आश्वासन दिया। श्री आजाद ने तेजस्वी को बताया कि 25 फरवरी से माध्यमिक संघ के शिक्षक और पुस्तकालयाध्यक्ष हड़ताल करेंगे। जो अपनी मांगों की पूर्ति होने के बाद ही समाप्त करेंगे। प्रमंडलीय संयोजक ने आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार शिक्षकों को पठन-पाठन ठप और बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करने वाला बता रही है जबकि इसकी जिम्मेवार स्वयं सरकार है। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष को बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के मांग सातवें वेतन आयोग के अनुशंसित वेतनमान के लेवल-7 एवं लेवल-8 जो क्रमशः 44900 एवं 47600 है को लागू करने, विसंगतिपूर्ण वेतनमान को निरस्त करने,सेवाशर्त, ऐच्छिक स्थानान्तरण, सेवा की निरन्तरता, भविष्य निधि, पेंशनादि, अवकाश तथा ई.पी.एफ की सुविधा तुरंत लागू करने, माध्यमिक तथा उच्च माध्यमिक विद्यालयों को पंचायती राज से अलग करने, उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालयों के लिए समान सेवाशर्त, प्रबंधन की नीति निर्धारित करने तथा अध्ययन अवकाश की समय सीमा 7 वर्ष की शर्त को शीथिल कर नियोजन नियमावली के पूर्व के प्रावधान को लागू करने की मांग की जानकारी दी। नेता प्रतिपक्ष ने बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के मांगों का समर्थन करते हुए सदन से सड़क तक नियोजित शिक्षकों के आंदोलन का समर्थन करने और समान वेतनमान को घोषणा पत्र में शामिल करने का आश्वासन दिया। उन्होंने शिक्षकों की मांग को जायज ठहराया। कहा कि राजद नियोजित शिक्षकों की मांगों का समर्थन करती है। पार्टी नियोजित शिक्षकों की लड़ाई लड़ेगी। राजद की सरकार बनेगी तो शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त किया जाएगा। नियोजित शिक्षकों के साथ गलत हो रहा है। श्री यादव ने कहा नीतीश-मोदी की निरंकुशता और मिलीभगत से आज बिहार के शिक्षक अध्यापन को छोड़ सड़क पर आ गये है। समान काम के लिए समान वेतन नहीं देकर नीतीश कुमार ने शिक्षकों को भी ठगा है।