पटना : बिहार के युवा व्यवसायी सन्नी गुप्ता की हत्या मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग साथी परिषद के अध्यक्ष सह सामाजिक कार्यकर्ता आलोक आजाद ने की है। श्री आजाद ने इस सम्बध में एक पत्र मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, डीजीपी, पटना के एसपी और पटना डीएम को ईमेल के माध्यम से भेजा है। पत्र में हत्याकांड में शामिल आरोपितों की गिरफ्तारी के साथ-साथ उनका स्पीडी ट्रायल कराकर फांसी की सजा देने की मांग की गयी है। श्रभ् आलोक ने पीड़ित परिवार को सुरक्षा, पचास लाख रूपये मुआवजा, शहीद सन्नी की पत्नी को सरकारी नौकरी और बच्चों की पढ़ाई की व्यवस्था करने की भी मांग सरकार से की है।
उन्होंने कहा कि विकास की धूरी व्यवसायी होते हैं, जो बिहार में असुरक्षित हैं। हर दिन व्यापारियों पर हमले हो रहे हैं, इसके बाद भी सरकार हाथ पर हाथ रखे बैठी है, जो दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है। उन्होंने अपराधियों की स्थानीय पुलिस से मिलीभगत की जांच कराने और निर्दोष लोगों को पुलिस की कारवाई से बचाने की भी मांग की है। उन्होंने कहा है कि घटना के दिन हत्यारे लॉकडाउन का उल्लंघन कर रहे थे, जिसके कारण पुलिस ने उन्हें खदेड़ रही थी। इसी दौरान आरोपित सन्नी गुप्ता के घर में जबरदस्ती घुस गये, जिस पर सन्नी और उनके परिवार वालों ने घर से बाहर निकलने को कहा। जिससे आक्रोशित होकर अपराधियों ने सन्नी पर गोली चला दी।
जिससे उनकी मौत हो गयी। हत्यारों ने शवयात्रा के दौरान पुलिस प्रशासन की उपस्थिति शव लेकर जा रहे लोगों पर पत्थर फेंका। जिस पर पुलिस उनसे हाथ जोड़ती रही। पुलिस ने अपराधियों पर कार्रवाई करने की जगह शवयात्रा में शामिल सोलह लोगों पर लॉकडाउन उलंघन का एक मामला दर्ज कर दिया है। जो पूरी तरह नाइंसाफी है। उन्होंने मुख्यमंत्री सहित प्रशासन के आला अधिकारियों से निर्दोष शवयात्रियों पर दर्ज मामले को हटाने की मांग की है। साथ ही हत्या कांड को दिशाहीन करने का प्रयास करने वाले पुलिसकर्मियों सहित अन्य पदाधिकारियों पर जल्द से जल्द कार्रवाई करने की मांग की है।
परिषद के अध्यक्ष ने कहा कि चरणबद्घ आंदोलन के प्रथम चरण में दो दिवसीय अनशन और सत्याग्रह तथा एक दिवसीय काला पट्टी बांध कर विरोध दर्ज किया गया है। अगर प्रशासन ने मांगों को पूरा नहीं किया तो लॉकडाउन के खत्म होने के बाद चरणबद्ध आंदोलन चलाया जाएगा।