नई दिल्ली : कलम के भगवान चित्रगुप्त की पूजा कल अर्थात 16 नवम्बर 2020 दिन सोमवार को होगी। देश में कायस्थ समाज के लोग इनकी पूजा आराधना करते हैं। कहा जाता है कि इसी दिन भगवान चित्रगुप्त का जंन्म हुआ था जिन्होंने कायस्थ जाति को उत्पन्न किया है। चित्रगुप्त ज्ञान के देवता भी माने जाते हैं। यमराज को कर्मों के आधार पर दंड और मुक्ति देने में कोई परेशानी नहीं हो इसके लिए चित्रगुप्त उनकी मदद करते हैं। ऐसी मान्यता है कि चित्रगुप्त भगवान का जन्म् ब्रहमा के अंश से न होकर पूरे काया से हुआ इस लिए चित्रगुप्त को कायस्थ कहा गया। इस दिन कायस्थ समाज के लोग कलम और दवात की पूजा करने के बाद उसका उपयोग नहीं करते हैं। कहा जाता है कि भीष्म पितामह ने भी भगवान चित्रगुप्त की पूजा की थी। पूजा से खुश होकर पितामह को अमर होने का वरदान मिला था। चित्रगुप्त का विवाह एरावती और सुदक्षणा से हुआ। सुदक्षणा से उन्हें श्रीवास्तव, सूरजध्वज, निगम और कुलश्रेष्ठ नामक चार पुत्र प्राप्त हुये जबकि एरावती से आठ पुत्र रत्न प्राप्त हुये जो पृथ्वी पर माथुर, कर्ण, सक्सेना, गौड़, अस्थाना, अम्बष्ठ, भटनागर और बाल्मीक नाम से प्रचलित हुये।
chitragupta puja muhurat 2020 पूजा मुहूर्त
चित्रगुप्त पूजा का मुहूर्त 16 नवम्बर को सुबह सात बजकर 06 मिनट से शुरू होकर दूसरे दिन 17 नवम्बर को अहले सुबह तीन बजकर 55 मिनट तक रहेगा। श्रद्धालु आराम से पूजा अर्चना कर सकेंगे।