पटना : स्वच्छ और सुंदर भारत का सपना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ पूरे भारतवासियों ने मिलकर देखा है। इस सपने को पूरा करने के लिए भारत सरकार की सबसे बड़ी संस्था रेलवे भी कर रही है। बिहार में पूर्व मध्य रेल के साथ मिलकर असम की एक संस्था “प्रयास इंडिया” अलग-अलग तरीकों से देश के विभिन्न हिस्सों में रेलवे के कबाड़ को सुन्दर बनाने में लगी हुई है। संस्था कहीं स्वच्छता अभियान चला रही है तो कहीं बेकार पड़ी जमीन का सौंदर्यीकरण का काम किया जा रहा है। संस्था भारत के 9वें रेल जोनल कार्यालय पूर्व मध्य रेलवे के हाजीपुर कार्यालय के ठीक सामने बने ओवर ब्रिज के नीचे खाली पड़ी जगह को एनएचएआई से एनओसी लेकर एक खूबसूरत पार्क के रूप में इस प्रकार बदल रही है, जिसे देखने के बाद एक बार आप भी जरूर ठहर जाएंगे क्योंकि यह पार्क बनाया ही गया है इतना खूबसूरत। दिन तो दिन, शाम के बाद इसमें जो प्रकाश की व्यवस्था की गई है, वह इसे और भी खूबसूरत बनाती है। दिन और रात दोनों समय इतना खूबसूरत दिखने वाले इस पार्क की खासियत यह है कि इसमें बेकार समानों का अधिकत्तम उपयोग कर इसे बनाया गया है। जो सामान हम और आप फेंक देते हैं या कबाड़ के भाव बेच देते हैं उन सभी सामानों का इसमें प्रयोग किया गया है, जिससे हमें दो फायदे हो रहे हैं – एक कि जिसे हम कचरे के डस्टबिन में डालते थे उसे यहां बेहद खूबसूरती से सजा कर दिखाया जा रहा है और दूसरा जिसे हम कबाड़ समझते थे वह हमारे पार्क की खूबसूरती बढ़ा रहा है। और तो और प्रयास इंडिया इस काम के लिए अपने साथ असम और बंगाल दोनों जगहों से दर्जनों की संख्या में कलाकारों को लेकर यहां तो पहुंची हीं है साथ ही वैशाली जिले के स्थानीय कलाकारों को ढूंढ कर उन्हें भी अपने साथ काम करने का मौका दे रही है। संस्था प्रयास इंडिया के सार्थक पहल की सराहना अब रेलवे भी कर रही है। रेलवे के अधिकारियों का कहना है कि जोनल कार्यालय के सामने ओवर ब्रिज के नीचे काफी गंदगी जमी रहती थी और धीरे-धीरे झुग्गी झोपड़ी वाले इस पर अपना कब्जा जमा रहे थे, जिससे जोनल कार्यालय के द्वार के सामने गंदगी का अंबार फैला रहता था। इस पार्क के बन जाने से न केवल शहर की खूबसूरती बढ़ी है बल्कि लोगों को घूमने फिरने का एक शानदार स्पॉट मिला है। साथ ही पास में एक पोखर को भी सजाया जा रहा है जिसमें भी रेलवे के वेस्ट मटेरियल का उपयोग किया जा रहा है। जो अगले दो से 3 महीनों में बनकर तैयार हो जाएगा।