बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष, केदार नाथ पाण्डेय, सदस्य, बिहार
विधान परिषद् एवं महासचिव, शत्रुघ्न प्रसाद सिंह, पूर्व सांसद ने एक
संयुक्त बयान में कहा है कि अपर मुख्य सचिव, षिक्षा विभाग का षिक्षकों की
एकता, संघीय निष्ठा और अपनी औचित्यपूर्ण मांगों की प्रतिबद्धता पर षायद
अंतिम प्रहार है। पराजय की पस्तहिम्मति से बौखलाहट में तमाम कानून कायदे
को ताख पर रखकर सेवा से बर्खास्तगी तक की अमानवीय धमकी दी गयी है। इससे
षिक्षकों का आन्दोलन और भी मजबूत होगा। उनके हौसले की आफजाई होगी। लगभग
60 बेगुनाह षिक्षकों की षहादत बेकार नहीं होने देंगे। अभी-अभी सूचना मिली
है कि कन्या इंटर विद्यालय, दाउदनगर औरंगाबाद में कार्यरत षिक्षक पित्रोस
तिर्की का दुखद निधन हुआ है। जिला संघ के राज्यकार्यकारिणी के सदस्य,
सुरेन्द्र कुमार एवं जिला सचिव मनीष कुमार ने बीमारी की हालत में आर्थिक
सहायता पहुंचाई है क्योंकि उनके आवास में खाद्यान्न का एक दाना भी नहीं
था, इसीलिए इस मौत का जवाबदेह नीतीष सरकार है। बिहार माध्यमिक षिक्षक संघ
की मांग है कि सरकार उनके परिवार के पूर्ण भरण-पोषण की व्यवस्था
सुनिष्चित करे और यह तमाम ऐसे दिवंगत षिक्षकों के लिए लागू किया जाय। अपर
मुख्य सचिव जी एक बार फिर से नियोजन नियमावली की धारा-12 को पढें,
जिसमें छुट्टी वाले उपबंध के क्रम में तीन माह से अधिक बिना सूचना की
अनुपस्थिति के लिए विभिन्न निकायों को दंड देने का अधिकार प्रदत्त है।
इसमें सरकार का हस्तक्षेप सर्वथा अवांक्षनीय है। अतः पूर्व से सूचना देकर
ही सरकार द्वारा वात्र्ता नहीं करने पर हड़ताल के लिए सरकार ने ही
षिक्षकों को बाध्य किया। अतः ऐसी परिस्थिति में अपर मुख्य सचिव का
निदेष/आदेष पूर्णतः अवैधानिक है। इसका किसी भी कीमत पर षिक्षक अनुपालन
नहीं करेंगे।
बिहार माध्यमिक षिक्षक संघ बार-बार यह संकल्प दुहराता है कि भारतीय
संविधान लोक मर्यादा षिष्टता की रक्षा के लिए सरकार षिक्षक को षत्रु नहीं
समझ कर उन्हें मानवीय गरिमा के साथ ससम्मान सारी मांगों की मंजूरी कर इस
विष्वव्यापी कोरोना संकट में मानवता की सेवा कर रहे लाखों षिक्षकों के
महान काम में सरकार बाधा नहीं डाले। उनका यह कठोर निर्णय लागू नहीं होगा।
षिक्षक लॉकडाउन तोड़कर प्रखंड षिक्षा पदाधिकारी अथवा जिला षिक्षा
पदाधिकारी के यहाँ योगदान की सूचना नहीं देंगे, नही तो वे लॉकडाउन के
उल्लंघन के अपराधी होंगे। एक बार फिर हम स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि
षिक्षा विभाग मानवता के व्यापक हित में दमनात्मक कार्रवाई की वापसी, पढ़ाई
की क्षतिपूर्ति की षत्र्त पर हड़ताल अवधि का वेतन, मध्यप्रदेष एवं छतीसगढ़
की तर्ज पर पंचायती राज से सेवा का संविलियन, मुख्यमंत्री की घोषणा की
मर्यादा की रक्षा के लिए विसंगतियां दूर करते हुए सातवें वेतनमान के
लेवल-7 एवं लेवल-8 का वेतनमान षीघ्र स्वीकृत करे।
कल की समीक्षा बैठक में यह प्रमाणित हो गया कि सरकार की प्रताड़ना के
बावजूद 90 प्रतिषत से अधिक षिक्षक बिहार माध्यमिक षिक्षक संघ के आह्वान
पर हड़ताल पर डटे हुए हैं और वे सरकार द्वारा घोषित तालाबंदी के नियम का
पालन करते हुए दैहिक दूरी बनाने एवं कोरोना संकट से जंग के लिए आम-अवाम
को प्रेरित कर रहे हैं। इस महान काम में जो बाधा पहुंचायेगा वह महापाप का
भागी होगा। अनिष्चितकालीन हड़ताल 61 वां दिन भी जारी है।
बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रमंडलीय सह संयोजक अलोक आजाद ने कहा की अध्यक्ष केदार पाण्डेय ने जो बातें कही हैं वो सही है और शिक्षक उनके साथ है