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सरकारी कर्मचारियों के कोरोना से निधन पर एक करोड़ की राशि देने की मांग

पटना : साथी परिषद के अध्यक्ष सह सामाजिक कार्यकर्ता आलोक आजाद ने सरकारी कर्मचारियों, नियोजित शिक्षकों और पुस्तकालयाध्यक्षों के कोरोना से निधन सहायता राशि देने की मांग की है।

श्री आजाद ने कहा कि कोरोना के भयानक प्रकोप के बावजूद अपना कार्य कर रहे सभी कोटि के कर्मचारी काफी संकट का सामना कर रहे हैं। उन्होंने अन्य राज्यों की तरह बिहार में भी एक करोड़ की सहायता राशि देने की मांग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से की है।

उन्होंने कहा की इस कोरोना महामारी में सरकार जहां सभी से घरों में रहने की अपील कर रही है वहीं दूसरी ओर सरकारी कर्मचारियों तथा नियोजित शिक्षकों तथा पुस्तकालयाध्यक्षों को विधालय बंद होने के बावजूद स्कूल बुला रही है। अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश सरकार सभी प्रकार की छुट्टियों पर रोक लगा दिया है। कर्मचारी  विभाग में लगातार ड्यूटी कर रहे हैं। जिसके कारण लगातार शिक्षक और पुस्तकालयाध्यक्ष सहित सभी सरकारी कर्मचारी सुविधाओं तथा पैसों के अभाव में मौत के मुंह में समा रहे हैं।

उन्होंने इस संक्रमणकाल में अपनी जान पर खेलकर अपनी सेवा देने वाले कोरोना से संक्रमित सरकारी कर्मचारियों के इलाज के लिए किसी भी तरह के इलाज की व्यवस्था नहीं होने पर भी चिंता जतायी। श्री आजाद ने सरकार से इलाज की समुचित व्यवस्था करने की मांग की और सभी के लिए सुरक्षित परिवहन की व्यवस्था करने का अनुरोध किया।

उन्होंने बिहार के सभी अल्प वेतनभोगी नियोजित शिक्षकों और पुस्तकालयाध्यक्षों के कोरोना से मौत होने पर एक करोड़ की सहायता राशि देने, आश्रित को सरकारी नौकरी तथा नियोजित शिक्षकों और पुस्तकालयाध्यक्षों सहित उनके परिवार के सभी सदस्यों को प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना से आच्छादित करने की मांग की। श्री आजाद ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मांग करते हुए कहा कि गंभीर स्वास्थ परिस्थितियों में उनके इलाज में पैसों की कमी और बाधा उत्पन्न न हो सके ऐसी व्यवस्था की जाये।

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