पटना : पटना विश्वविद्यालय के सीनेट सदस्य डॉ. कुमार संजीव ने काठमांडू में आयोजित व्याख्यान श्रृंखला को बतौर भारतीय प्रतिनिधि 8 अगस्त 2020 को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के विभिन्न आयामों पर ऑनलाइन व्याख्यान दिया। श्री डॉ. संजीव ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति भारत के लिए मील का पत्थर साबित होगी। इसका आयोजन रूपांतर इंटरनेशनल ने किया था। उन्होंने कहा कि नेपाल के शिक्षक, अध्यापक और शैक्षिक प्रसाशक की राष्ट्रीय शिक्षा नीति (2020) से रु-ब-रु होना चाहती थी। डॉ. संजीव ने कहा कि स्कूली शिक्षक नियुक्ति की प्रक्रिया पहले से और कठिन हो जाएगी। इसके लिए अब इच्छुक अभ्यर्थियों को तीन चरणों से गुजरना होगा. सबसे पहले उन्हें 4 वर्षीय इंटीग्रेटेड बी.एड. कोर्स उतीर्ण करना होगा। तत्पश्चात उन्हें शिक्षक पात्रता परीक्षा, टीईटी उतीर्ण करना होगा। अंत में गहन साक्षात्कार प्रक्रिया से भी गुजरना होगा। तब जाकर उन्हें नियुक्ति पत्र मिलेगी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार अब प्राथमिक कक्षा से लेकर उच्चतर माध्यमिक स्कूल में शिक्षक बनने को इच्छुक अभ्यर्थियों के लिए टीईटी एक अनिवार्य शर्त बना दिया गया है। यानि अब बिना टीईटी उतीर्ण किए मास्टर बनना कठिन हो गया जाएगा। पहले से बिहार में प्लस 2 तक की कक्षा के शिक्षक के लिए टीईटी का आयोजन किया जाता रहा है, लेकिन अब अखिल भारतीय स्तर पर कक्षा एक से पांच और 6-8 के साथ-साथ माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षकों के लिए भी टीईटी का आयोजन किया जाएगा। शिक्षण के प्रति जोश और उत्साह को जांचने के शिए साक्षात्कार या कक्षा में पढाने का प्रदर्शन करना स्कूल में भर्ती प्रक्रिया का एक अभिन्न अंग होगा। इन साक्षात्कारों का उपयोग स्थानीय भाषा में शिक्षण में सहजता और दक्षता का आकलन करने के लिए किया जाएगा। पटना यूनिवर्सिटी के सीनेट सदस्य और इंडियन एसोसिएशन ऑफ़ टीचर एजुकेटर्स के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. कुमार संजीव ने कहा कि स्कूली शिक्षक बनना अब आईएएस बनने से ज्यादा कठिन हो जाएगा। 4 वर्षीय इंटीग्रेटेड बी.एड. कोर्स वही करेंगे जिनका मुख्य उद्येश्य शिक्षक बनना होगा। इस ऑनलाइन व्याख्यान को मनोज विश्वकर्मा मॉडरेट कर रहे थे र। व्याख्यान में आयुषी चौहान, सरिता खडका, अशोक पौडेल, मनोज पुखरेल सहित सैंकड़ों प्रतिभागियों ने भाग लिया।