पटना(मनीष कुमार)। बिहार के वैशाली जिले के सहदेई बुजुर्ग प्रखंड क्षेत्र के मजरोही गांव में एक मुर्गी फार्म में 2 फरवरी को आठ हजार मुर्गियां एक साथ मर गयीं। जिससे क्षेत्र में दहशत का माहौल बना हुआ है। बड़ी संख्या में एक साथ मुर्गियों के मरने से लोग इसे बर्डफ्लू की आशंका जता रहे है, जबकि कई लोगों ने मुर्गियों की एक खतरनाक बीमारी रानीखेत को इसका जिम्मेवार बताया है तो कुछ ठंढ़ के कारण मुर्गियों की मौत कह रहे हैं। मुर्गियों के मरने का जब सिलसिला नहीं रूका तो फॉर्म संचालक ने तत्काल पशुपालन विभाग को इसकी खबर दी। सूचना मिलते ही विभाग के चिकित्सक और कर्मचारी गांव पहुंचे। उन्होंने मरी हुई मुर्गियों को गड्ढा में हाइपोक्लोराईड के साथ ढंकवा दिया। बाद में चिकित्सकों ने मुर्गियों का सैंपल ले लिया। जिसे बाद में पटना भेज दिये जाने की जानकारी चिकित्सकों ने दी। प्रखंड पशु चिकित्सा पदाधिकारी डा. शशि रंजन ने बताया कि काफी संख्या में मुर्गी किस कारण से मरी है, उसकी जांच रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा। पशुपालन पदाधिकारी ने कहा कि क्षेत्र के अन्य मुर्गी फॉर्म से भी नमूनों को इक्टठा किया जा रहा है। जिसे जांच के लिए भेजा जायेगा। मुर्गी फार्म के संचालक संजय चौधरी ने कहा कि पहले चार मुर्गी मरी। जिसके बाद देखते ही देखते सभी मुर्गियां सुस्त हो गयीं। जब तक वे लोग कुछ करते मुर्गियां मरने लगीं। संचालक ने कहा कि फॉर्म की लगभग आठ हजार मुर्गी एक साथ मर गई हैं। मुर्गियों के मरने से संचालक को दस लाख रुपए की क्षति हुई है। एक मुर्गी लगभग डेढ़ किलो की थी। श्री चौधरी ने कहा कि मुर्गी पालन ही उनकी जीविका का मुख्य साधन है और परिवार का भरण पोषण इसी व्यवसाय करते हैं। संचालक ने सरकार से मुआवजे की मांग की है। मुर्गियों के मरने से लोग इसके खाने से परहेज करने लगे हैं।