नई दिल्ली : कृषि कानून के विरोध में किसान संगठनों का चक्का जाम पूरे देश में शांतिपूर्ण रहा। देश के किसी भी हिस्से से अप्रिय वारदात की सूचना नहीं मिली। किसानों ने दिल्ली एनसीआर, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश को इस आंदोलन से मुक्त रखा था।
#WATCH: Heavy security deployment at Ghazipur border (Delhi-Uttar Pradesh), in view of protests against the farm laws.
(Video source: Delhi Police) pic.twitter.com/yyQGSj393R
— ANI (@ANI) February 6, 2021
चक्का जाम समाप्त होने के बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि केन्द्र सरकार को दो अक्टूबर का समय दिया गया है, कि वे कानून को वापस ले लें। उन्होंने कहा कि अगर तय समय सीमा तक सरकार इस पर विचार नहीं करेगी तब किसान अगली रणनीति तय करेंगे। किसान नेता ने कहा कि किसान उस समय तक घर नहीं लौटेंगे जब तक तीन कानून वापस नहीं होते। आंदोलन में कई जगहों पर महिलाओं ने भी जम कर अपनी भागीदारी निभाई। किसानों के आंदोलन को देखते हुए दिल्ली के कई मेट्रो स्टेशन को बंद कर दिया गया था। किसी भी हिसक स्थिति से निपटने के लिए सरकार ने काफी बंदोबस्त किये थे। दिल्ली में पुलिस ने लगभग 45 लोगों को हिरासत में लिया है। अमृतसर दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग जाम रहा। जम्मू में भी किसान इस आंदोलन में शामिल हुए। महाराष्ट्र में वरीय कांग्रेस नेता पृथ्वी राज चौहान की पत्नी सत्वशीला चव्हाण ने भी आंदोलन में भाग लिया। राज्य के कई स्थानों पर किसान सड़कों पर आये और आंदोलन को अपना समर्थन जताया। राजस्थान के साथ दक्षिण भारत के कर्नाटक में मैसूर बंगलुरू राजमार्ग को किसानों ने जाम किया।