नई दिल्ली : भारत में कोरोना की तीसरी लहर की भी आशंका बन गयी है। केन्द्रीय वैज्ञानिक सलाहकार के. विजय राघवन ने कहा है कि जिस तरह से पूरे विश्व में वायरस के प्रकार और मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। उसने इस महामारी की तीसरी लहर को आने की सम्भावना को बल दिया है। श्री राघवन ने अंदेशा जताते हुए कहा कि तीसरी लहर कब आयेगी इस बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता लेकिन लोगों को सचेत रहना चाहिए।
प्रेस से बात करते हुए राघवन ने कहा कि दुनिया भर में कोरोना वायरस के तीन लाख से ज्यादा प्रकार मिले हैं। जिसमें वायरस जब एक शरीर से दूसरे शरीर में जाता है तो अपनी संख्या बढ़ाता है। इस दौरान उसके स्वरूप में कुछ बदलाव आते हैं। इनमें से कुछ ही म्यूटेंशन प्रभावशाली होते हैं। जिनमें से कुछ सामने आये हैं। जिन्हें यूके वेरियंट, ब्राजील वेरियंट औऱ दक्षिण अफ्रिकन वेरियंट के नाम से जाना जा रहा है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग यह कह रहे हैं कि नया वायरस पुराने वाले वायरस से ज्यादा संक्रामक है, यह बात सही नहीं है।
उन्होंने कहा कि पहला वाला वायरस जितना संक्रामक है उतना ही नया वाला भी संक्रामक है। वैज्ञानिक ने कहा कि विश्व और भारत के वैज्ञानिक वायरस में लगातार हो रहे बदलाव पर नजर बनाये हुए हैं। इससे निपटने के लिए जरूरी योजनाएं भी बनायी जा रही हैं।