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दक्षिण अंडमान सागर के ऊपर बना कम दबाव का क्षेत्र

नई दिल्ली : भारत मौसम विज्ञान विभाग के चक्रवात चेतावनी प्रभाग के अनुसार, दक्षिण अंडमान सागर और इससे सटे दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी के ऊपर 01 मई 2020 की सुबह एक कम दबाव का क्षेत्र का बना है। धीमी गति से और बिलम्ब के साथ इसके तीव्र होने की सम्भावना है।

तदनुसार, अगले 48 घंटों के दौरान इस क्षेत्र में इसके अधिक मज़बूत होने की संभावना है और बाद के 48 घंटों के दौरान यह अंडमान सागर तथा दक्षिण-पूर्व  बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक डिप्रेशन के रूप में केंद्रित हो सकता है और इसके बाद और तीव्र हो सकता है। 05 मई तक इसके उत्तर उत्तर-पश्चिम की ओर धीरे-धीरे बढ़ने की संभावना है।

इसके प्रभाव में, अगले 5 दिनों के दौरान दक्षिण अंडमान सागर और इससे सटे दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह पर प्रतिकूल मौसम रहने की संभावना है।

चेतावनी:

(i) वर्षा (द्वीपों पर) : एक और 2 मई के दौरान अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के कुछ जगहों पर और 3 – 5 मई के दौरान अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा हो सकती है। निकोबार द्वीप समूह में 2 और 3 मई को अलग-अलग स्थानों पर भारी वर्षा होने की संभावना है। 4 और 5 मई को अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है।

(ii) हवा की चेतावनी

40-50 किमी प्रति घंटा से लेकर 60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से एक मई को दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी में और 2 और 3 मई को दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी तथा दक्षिण-अंडमान सागर में तेज हवाओं के चलने की संभावना है, 4 मई को दक्षिण-अंडमान सागर और दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी में 45-55 किमी प्रति घंटे से लेकर 65 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाओं के चलने की संभावना है एवं 5 मई को दक्षिण-अंडमान सागर और दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी में 50-60 किमी प्रति घंटे से लेकर 70 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाओं के चलने की संभावना है।

 

iii) समुद्र की स्थिति : एक से 5 मई 2020 के दौरान दक्षिण अंडमान सागर और दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी में समुद्र की स्थिति ख़राब से लेकर बहुत खराब रहेगी।

(iv) मछुआरों को चेतावनी : मछुआरों को सलाह दी जाती है कि वे 1 मई को दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी में, 2 और 3 मई को दक्षिण अंडमान सागर और दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी में तथा 4 और 5 मई 2020 को अंडमान सागर व इससे सटे दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी में न जाएँ।

 

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