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भाजपा विधान पार्षद नवल किशोर यादव ने सरकार से मिल शिक्षकों को दिया धोखा -आलोक

पटना : साथी परिषद के अध्यक्ष और सामाजिक कार्यकर्ता आलोक आजाद ने शिक्षकों के लेवल-7 तथा लेवल-8 के वेतनमान को हड़पने की साजिश करने का आरोप भाजपा विधान पार्षद नवल किशोर यादव और भाजपा की शैक्षणिक काई राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ पर लगाया है। श्री आजाद ने कहा कि भाजपा और जदयू की सरकार की मिलीभगत का परिणाम है कि शिक्षक खाली हाथ हैं। अध्यक्ष आलोक ने कहा कि लेवल 7 और लेवल 8 शिक्षकों का हक है। उन्होंने कहा कि बिहार की माध्यमिक शिक्षा को पंचायती राज से अलग करने और नियोजित शिक्षकों की लड़ाई हड़ताल को समाप्त करा कर, नियोजित शिक्षकों की एकता को तोड़ने का प्रयास आरएसएस की शैक्षणिक काई राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने किया।

इसके बाद कोरोना संकट के कारण सरकार से समझौतों के बाद स्थगित हड़ताल को बीच में हीं बर्बाद करने के उद्देश्य से भाजपा के विधान पार्षद नवल किशोर यादव ने कुछ दिनों पूर्व सरकार को नियोजित शिक्षकों तथा पुस्तकालयाध्यक्षों के हित में दस महत्वपूर्ण मांग रखा, लेकिन शिक्षकों के समान काम – समान वेतन की मांग, माध्यमिक तथा उच्चतर माध्यमिक शिक्षकों और पुस्तकालयाध्यक्षों की सबसे मुख्य मांग लेवल-7 और लेवल-8 को अलग कर दिया गया। साथ ही पंचायती राज से अलग करने के राज्य लगभग चार लाख नियोजित शिक्षकों और पुस्तकालयाध्यक्षों के महत्वपूर्ण मांग को नजरंदाज कर मांग पत्र में शामिल नहीं किया गया। श्री आजाद ने कहा कि विधान पार्षद श्री यादव ने सरकार को वाक ओवर दे दिया है, जो शिक्षकों को बेवकूफ बनाने की सोंची समझी चाल प्रतीत हो रही है।

उन्होंने कहा कि भाजपा विधान पार्षद और इसकी राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ शुरू से हीं हड़ताल को बर्बाद करने पर तुली हुई थी। जिसके कारण प्रदेश के चार लाख शिक्षकों के लेवल-7 और लेवल-8 की मांग तथा पंचायती राज से अलग करने की मांग के समर्थन में नहीं बोला गया। सदन में शिक्षकों के विरोध में मुख्यमंत्री के बयान का मेज थपथपा कर स्वागत किया गया। नियोजित शिक्षकों और पुस्तकालयाध्यक्षों कि सबसे महत्वपूर्ण मांग को नजरंदाज कर मांग पत्र में शामिल नहीं किया गया। श्री आजाद ने शिक्षकों से अपील करते हुए कहा कि विधान पार्षद के सरकार के साथ मिलिभगत करने की कार्रवाई का सभी शिक्षक और पुस्तकालयाध्यक्ष विरोध करें।

 

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