NDRF Full Form
NDRF Full Form In Hindi
मानव जीवन में सुरक्षा हमेशा आवश्यक रही है। चाहे वह प्राकृतिक हो या मानविकी। मानव के जन-जीवन की सुरक्षा के लिए पुलिस बल है, लेकिन प्राकृतिक आपदाओं के समय मदद और सुरक्षा के लिए विश्व में कोई व्यवस्था नहीं थी और न ही कोई ऐसा बल था जो इन घटनाओं से निपट सकता था।
विश्व के नेताओं ने एक बैठक की और वर्ष 1994 में योकोहामा रणनीति प्लान yokohama Strategy Plan और 2005 के Hugo Framework For action, Hyogo Framework For को United Nations ने अपनाया।
Google पर अक्सर लोग NDRF का पूरा नाम NDRF Full Form In Hindi क्या है और NDRF काम क्या करती है। इसकी खोज करते नजर आते हैं। जब से NDRF का गठन हुआ है कई प्राकृतिक आपदाओं के समय इस दल के लोग दिखते हैं। जिससे लोगों ने NDRF का नाम जाना होता है और उसे देखा भी होता है लेकिन यह कैसा संगठन है और इसके सदस्य कैसे काम करते हैं। इसकी जानकारी नहीं होती।
NDRF का नाम टेलीविजन समाचारों और अखबार के पन्नों पर अक्सर प्राकृतिक आपदा के समय देखने और सुनने को मिल जाते हैं। इसका मुख्य कारण है कि जब भी किसी देश के किसी भी स्थान पर National Disaster होती है इस दल के सदस्य अर्थात NDRF की टीम लोगों की मदद करने के लिए पहले पहुंचती है। प्राकृतिक आपदा का सामना करने की ताकत आम लोगों के पास नहीं होती है। इसी लिए इन आपदाओं से निपटने के लिए इस बल का गठन हुआ है। NDRF Ka Full Form जाने के बाद अब हम इसके गठन के बारे में जानेंगे
भारत में एनडीआरएफ National Disaster Response Force In Hindi
इसी समय भारत में भी कई प्राकृतिक आपदाओं का सामना लोगों को करना पड़ा। जिसमें वर्ष 1999 में उड़ीसा में आया Super Cyclone, 2001 का गुजरात भूक्म्प और 2004 का Indian Ocean का सुनामी काफी खतरनाक था। जिसमें जानमाल की काफी क्षति हुई थी। वर्ष 2005 के 26 दिसम्बर को भारत में Disaster Management Act लागू किया गया। इस अधिनियम की नीतियों, योजनाओं और दिशा-निर्देशों को बनाने और लागू करने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण NDMA का गठन किया गया।
NDRF कब हुआ गठन
कई घटनाओं के झेलने के बाद जब प्राधिकरण का गठन कर लिया गया। इसके बाद वर्ष 2006 में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल NDRF का गठन किया गया। सबसे पहले आठ 8 बटालियन गठित किये गये। इसके प्रत्येक बटालियन में 1149 कर्मी तैनात किये गये हैं। वर्तमान समय में इस बल के पास 12 बटालियन कार्यरत है। गठन के समय इस बल के कर्मियों को नियमित कानून और व्यवस्था में लगा दिया गया लेकिन वर्ष 2007 के अक्टूबर माह में इसे एक समर्पित बल बना दिया गया।
इसके बाद वर्ष 2008 के 14 फरवरी को NDRF नियम की अधिसूचना जारी की गयी। जिसमें बल को एक महानिदेशक के अंतर्गत एक समर्पित बल बना दिया गया। इस बल के पास अंतरराष्ट्रीय स्तर के कई ऐसे उपकरण हैं जिनसे वह किसी भी आपदा से आसानी से निपट सकती है।
पहली कार्यवाही
एनडीआरएफ को अपनी ताकत दिखाने का सबसे पहला मौका बिहार में मिला। जब वर्ष 2008 में कोसी नदी में आयी बाढ़ से लोग बेहाल हो उठे। इस वर्ष 19 अगस्त को NDRF के सदस्य बिहार पहुंचे और अपने 150 इंजन लगे उच्च गति मोटर चालित नौका से स्थिति को नियंत्रित किया। लोगों को सुरक्षित निकालने में बल के सदस्यों ने अदम्य साहस दिखायी। बल के अधिकारियों ने 780 Trained Personnel को नाव के साथ विभिन्न स्थानों पर भेजा गया। जिसने बाढ़ प्रभावित पांच जिलों में जाकर लोगों को बचाने का काम किया। जिससे लगभग एक लाख लोगों की जान बचायी जा सकी और कई लोगों को सुरक्षित निकाला गया।
इस संस्था का प्रधान देश के प्रधानमंत्री होते हैं, लेकिन राज्य के अंतर्गत आने वाली किसी भी प्राकृतिक आपदा की जिम्मदारी राज्य सरकारों की होती है। स्थिति जब गम्भीर होती है वैसी परिस्थिति में केन्द्र सरकार इसकी जिम्मेदारी लेती है।
भारत में NDRF के कई अन्य कार्य
कर्नाटक में वर्ष 2010 के जनवरी महीने बेल्लारी में एक छह मंजिल इमारत गिर गयी थी। उस घटना में सात दिनों तक चलने वाले ऑपरेशन के दौरान एनडीआरएफ के सदस्यों ने 20 फंसे लोगों को बचाया था और 29 शवों को निकाला था। वर्ष 2012 के अप्रैल महीने में पंजाब के जालंधर में एक बहु-मंजिला कारखाने के निर्माण के दौरान गिर जाने के कारण एनडीआरएफ की टीम ने उस मलबे में फंसे 12 लोगों को सफलतापूर्वक बचाया और 19 शवों को भी निकाला।
जम्मू कश्मीर से लेकर कन्या कुमारी तक इस बल के सदस्यों ने लोगों के जानमाल की सुरक्षा की है। जम्मू और कश्मीर में वर्ष 2014 के सितम्बर महीने में आयी बाढ़ में शहरी लोगों को NDRF के सदस्यों ने मदद की और उन्हें बचाने का काम किया। शहर में आयी बाढ़ में काम करने का इस दल का पहला अनुभव माना जाता है।
NDRF के विदेशों में काम
विदेशों में इस बल ने अपने कार्य से लोगों को रोमांचित किया है। जापान में वर्ष 2011 के मार्च-अप्रैल महीने में हुए एक हादसे के दौरान 46 सदस्यों के दल अपनी सेवा दी। नेपाल में वर्ष 2015 में 25 अप्रैल को 7.8 की तीव्रता वाला भूकंप में जम कर लोगों की मदद की और कई लोगों को गिरे हुए मकानों के मलबे से बाहर जीवित निकाला।
National Disaster Response Force बल की विशेषज्ञता
बाढ़, चक्रवात और ध्वस्त संरचना के दौरान खोज और बचाव के साथ NDRF ने CBRN अर्थात रासायनिक, जैविक, रेडियोलॉजिकल और परमाणु चुनौतियों का सामना करने में भी काफी विशेषज्ञता रखी है।
आज NDRF, देश सरकार, गृह मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन कार्यरत एक विशिष्ट, अद्वितीय बल है, जो कि महानिदेशक, NDRF के समग्र आदेश, नियंत्रण और नेतृत्व में है।
– संगठन
वर्तमान समय में इस बल में 12 बटालियन हैं। जिसमें बीएसएफ और सीआरपीएफ के तीन-तीन तथा सीआईएसएफ, आईटीबीपी और एसएसबी के दो-दो सदस्य हैं। प्रत्येक बटालियन में इंजीनियर, तकनीकी जानकार, इलेक्ट्रीशियन, डॉग स्क्वॉड और मेडिकल तथा पैरामेडिक्स समेत 45 कर्मियों की 18 स्व-निहित विशेषज्ञ खोज और बचाव दल होते हैं। सभी 12 बटालियनों को प्राकृतिक और मानव निर्मित आपदाओं से निपटने के लिए आधुनिक उपकरणों से सुसज्जित और प्रशिक्षित किया गया है। एनडीआरएफ बीएन के
– स्थान
NDRF की बटालियन देश के 12 अलग-अलग स्थानों पर स्थित हैं। आपदा के समय उस स्थल पर उनकी तैनाती के लिए प्रतिक्रिया समय के अनुसार की जाती है। इन बारह स्थानों के नाम हैं-
अपनी स्थापना के बाद से एनडीआरएफ ने आपदा स्थितियों से निपटने के दौरान अपनी विशेषज्ञता और करुणा का प्रदर्शन करके लाखों देशवासियों का दिल जीतना जारी रखा है। ऐसी चुनौतियों की सूची लंबी है।
– 01 Bn NDRF, असम का गुवाहाटी (इसमें आसाम के 24 जिले और मेघालय, मिजोरम और त्रिपुरा आते हैं)
– 02 Bn NDRF, पश्चिम बंगाल का कोलकाता (इसमें सिक्कम और बंगाल आता है)
– 03 Bn NDRF (ओडिसा और छत्तीसगढ़)
– 04 Bn NDRF, () अराकोनम, तमिलनाडु – CIFS
– 05 Bn NDRF, () पुणे, महाराष्ट्र – CIFS
– 06 Bn NDRF, () गांधीनगर, गुजरात – CRPF
– 07 Bn NDRF, () गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश – ITBP
– 08 Bn NDRF, () भटिंडा, पंजाब – ITBP
– 09 Bn NDRF, (बिहार और झारखंड)
– 10 Bn NDRF, () विजयवाड़ा, आंध्र प्रदेश – CRPF
– 11 Bn NDRF, () वाराणसी, उत्तर प्रदेश – SSB
– 12 Bn NDRF, () इटानगर, अरुणाचल प्रदेश – SSB
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