नई दिल्ली : भारतीय रिजर्व बैंक ने रुपये के गिरने और वित्तीय बाजार के अन्य क्षेत्रों में अस्थिरता के बीच अनेक उपायों की घोषणा की है। बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि रिवर्स रेपो रेट को चार प्रतिशत से घटाकर तीन दशमलव सात पांच प्रतिशत किया जा रहा है, जबकि रेपोरेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
गवर्नर श्री दास ने कहा कि लॉकडाउन के कारण लघु और मध्यम उद्योगों के लिए पचास हजार करोड़ रुपये के पैकेज दी जा रही है जिससे उद्योगों को उबरने में मदद मिलेगी।
श्री दास ने घोषणा करते हुए कहा कि बैंकों के फंसे कर्जों के लिए समाधान योजना की अवधि नब्बे दिन तक बढ़ायी जायेगी। उन्होंने कहा कि गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों की ओर से रियल एस्टेट कंपनियों को दिये गये ऋण पर अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की ओर से दिये जाने वाले लाभ के समान लाभ मिलेगा। श्री दास ने कहा कि इन उपायों से बाजार में नकदी का प्रवाह बनाये रखने में आसानी होगी। बैंकों से ऋण लेने में आसानी होगी। वित्तीय दबाव कम होगा और बाजारों का आसानी से संचालन किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के अनुमान के अनुसार भारत की विकास दर जी-20 देशों में सबसे अधिक रहने की सम्भावना है। गर्वनर श्री दास ने कहा कि मॉनसून के पहले से होने वाली खरीफ-बुवाई की स्थिति अच्छी है। केन्द्रीय मौसम विभाग ने भी दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के सामान्य रहने की सम्भावना जतायी है।